दिल मेरा जब लेकर तेरा नाम


दिल मेरा जब लेकर तेरा नाम धड़कने लगता है 
वीरां-वीरां आँखों में एक ख्वाब चमकने लगता है 

साँसों की ही खातिर तुझको माँगा है इस जीवन ने 
तुझको न सोचे तो ये दिल यार मचलने लगता है 

चुभ जाते हैं अश्क़ों के कांटे यादों के बिस्तर पे 
नींदों का पतझर आकर बेज़ार दहकने लगता है 

जुगनू, खुश्बू, चाँद-सितारे, बादल, गुलशन और फिज़ा 
जब तुम मेरे पास न हो तो माहौल अखरने लगता है 

कैसे हाल सुनाये अपने दिल का तुमको कहो नदीश 
आँखों से आंसू बनकर ये दर्द छलकने लगता है 

                                                              चित्र साभार : गूगल

4 comments:

  1. वाह!!!
    बहुत ही सुन्दर गजल....
    लाजवाब...

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    1. बहुत आभार आदरणीया

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  2. वाह! लाज़बाब। जज़्बातों के खूबसूरत अल्फ़ाज़! बधाई!!!

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