घर बनाने में

न तारे, चाँद, गुलशन औ' अम्बर बनाने में
जरूरी जिस कदर है सावधानी घर बनाने में

अचानक अश्क़ टपके और बच गई आबरू वरना
कसर छोड़ी न थी उसने मुझे पत्थर बनाने में

मैं सारी उम्र जिनके वास्ते चुन-चुन के लाया गुल
वो ही मसरूफ़ थे मेरे लिए खंज़र बनाने में

चित्र साभार- गूगल

सुबकते रहते हैं


याद से बारहा तेरी उलझते रहते हैं
सिमटते रहते हैं या फिर बिखरते रहते हैं

तेरा ख़याल भी छू ले अगर ज़ेहन को मेरे
रात दिन दोपहर हम तो महकते रहते हैं

इसलिये ही बनी रहती है नमी आँखों में
ख़्वाब कुछ छुपके पलक में सुबकते रहते हैं

चित्र साभार- गूगल